परिचय: नमस्कार, सम्मानित पाठकों! आज, हम आपके लिए हमारे समय के सबसे उल्लेखनीय वास्तुशिल्प प्रयासों में से एक: नए संसद भवन की एक विशेष झलक पेश करने के लिए रोमांचित हैं। अपनी भव्यता, कार्यक्षमता और प्रतीकात्मक महत्व के साथ, यह विस्मयकारी संरचना हमारे लोकतंत्र के दिल और आत्मा का प्रतिनिधित्व करने वाला एक प्रतिष्ठित मील का पत्थर बनने के लिए तैयार है। इस असाधारण भवन के पीछे की मनोरम विशेषताओं और सावधानीपूर्वक योजना का पता लगाने के लिए हमसे जुड़ें।
लोकतांत्रिक आदर्शों का प्रतिबिंब: नया संसद भवन हमारे देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए एक वसीयतनामा के रूप में खड़ा है। इसकी डिजाइन का उद्देश्य नागरिकों को अपने चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ जुड़ने के लिए पर्याप्त स्थान के साथ पारदर्शिता, समावेशिता और पहुंच को बढ़ावा देना है। वास्तुकला परंपरा के संरक्षण और आधुनिकता के आलिंगन के बीच संतुलन बनाती है, जो हमारे देश की विरासत को संजोते हुए उसकी प्रगति का प्रतीक है।
नए संसद भवन की आधारशिला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में नई संसद की आधारशिला रखी थी. टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने नए संसद भवन का निर्माण किया है. इस बिल्डिंग को चर्चित आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने डिजाइन किया है
उद्घाटन: Share: New Parliament Building Inauguration Live Streaming: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार (28 मई) को देश को नया संसद भवन समर्पित करने जा रहे हैं. इस समारोह की शुरुआत सुबह 7:30 बजे हवन और सर्व-धर्म प्रार्थना के साथ
लागत एव क्षेत्रफल:ये नई संसद 971 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुई है, जिसका क्षेत्रफल 64,500 वर्ग मीटर है त्रिभुजाकार वाले चार मंजिला संसद भवन का निर्मित क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर है. भवन के तीन मुख्य द्वार हैं- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार. इसमें वीआईपी, सांसदों और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं नया संसद भवन दिव्यांगों के अनुकूल होगा और मंत्रिपरिषद के इस्तेमाल के लिए करीब 92 कमरे हैं लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। वहीं, संयुक्त सत्र के दौरान लोकसभा भवन में 1,272 सदस्यों के बैठने का इंतजाम है।
नए संसद भवन की मुख्य विशेषता: संसद भवन का केन्द्रीय कक्ष इस नए परिसर के करीब है। दस एकड़ में बनी लाइब्रेरी भारतीय परम्परा के अनुसार समसामियक है। इसका वृताकार डिजाइन दिल्ली की जलवायु को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया। इसके निर्माण में भी संसद भवन की तरह का लाल बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है
आर्किटेक्ट: इस नए भवन के कंस्ट्रक्शन का काम टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कंपनी ने पूरा किया है वहीं भवन का आर्किटेक्ट गुजरात के मशहूर आर्किटेक्चर बिमल पटेल ने किया है बिमल पटेल का पूरा नाम बिमल हसमुख पटेल है बिमल देश के जाने-माने आर्किटेक्ट हैं
पटेल को आर्किटेक्ट फील्ड में तीन दशकों से ज्यादा का अनुभव है. नई संसद भवन को बिमल पटेल की आर्किटेक्ट फर्म एचसीपी डिजाइंस ने डिजाइन करके तैयार किया है. बिमल पटेल को उनके कामों में कई बार सम्मानित किया जा चुका है. पटेल को साल 2019 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
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